इतिहास, खेती, उत्पादन क्षेत्र, जलवायु, उपयोग
जीरा मुख्यतः मिश्र, भारत,
चीन और भूमध्यसागरीय देशों का पौधा है लेकिन जीरे का 70% उत्पादन भारत में ही होता है और भारत में भी सिर्फ दो राज्यों के कुछ जिलों में ही इसका उत्पादन होता है हजारों सालों से जीरा भोजन का मुख्य घटक रहा है, यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है यह पेट और आँतों व सम्पूर्ण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है जिससे कब्जी से राहत मिलती है जीरे में मोजुद लोह तत्व शरीर में लौह तत्व की पूर्ति करता है और कैल्शियम की मात्रा होने के कारण यह हमारी हड्डियों को मजबुती देता है एंटीऑक्सिडेंट होने से यह त्वचा को स्वस्थ रखता है और ताज़गी देता है जीरा खाने से शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन होता है कैलोरी कम होने के कारण वज़न भी स्थिर रखता है
Nutritional value per
100 g
Energy
1,567 kJ (375 kcal)
Carbohydrates 44.24 g
Sugars 2.25 g
Dietary fibre 10.5 g
Fat 22.27 g
Saturated 1.535 g
Monounsaturated 14.04
g
Polyunsaturated 3.279
g
Protein 17.81 g
beta-Carotene
8%
64 μg
Vitamin A 1270 IU
Choline 5%
24.7 mg
Vitamin C 9% 7.7 mg
Vitamin E 22% 3.33 mg
Vitamin K 5% 5.4 μg
Calcium 93%
931 mg
Iron 510%
66.36 mg
Magnesium 262% 931 mg
Manganese 159% 3.333 mg
Phosphorus 71% 499
mg
Potassium 38% 1788
mg
Sodium 11% 168
mg
Zinc 51% 4.8
mg
Water 8.06
g
जीरा यूरोप होते हुए अमेरीका में 15 वी शताब्दी में स्पेन और पुर्तगालीयों द्वारा ले जाया गया। भारत में जीरे की फसल का समय मध्य नवम्बर से मध्य मार्च तक होता है यह फसल 100-120 दिन में तैयार हो जाती है इसके लिए कम पानी की जरूरत होती है और तापमान 5° से 30° तक रहना चाहिए। जिन इलाकों में कोहरा ज्यादा होता है वहाँ यह फसल नहीं होती है।
बाड़मेर की मुख्य नकदी है यहाँ 80 से 90 हजार टन उत्पादन सालाना होता है प्रोसेसिंग ईकाईयाँ और मण्डी की सुविधा नहीं होने से यहाँ के लगभग
90% उत्पादन को गुजरात की मण्डियों में बेचना पड़ता है, पिछले कुछ सालों से देश और विदेश की नामी मसाला कंपनियाँ सिधे किसानों से जीरा खरीद रही हैं।
जैसा कि बाड़मेर बाजार LLP और हमारा या हम सभी बाड़मेर निवासीयों का मानना है की हम जीरा उत्पादन के अलावा प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में भी आय अर्जन करें व रोजगार पैदा करें |
एक आम धारणा कि सरकार हमारे लिए सुविधा नहीं कर पायी या अभी भी नहीं करने की स्थिति में है बाड़मेर में सरकार ने कृषि मंडी के अन्दर 14 बीघा क्षेत्र में जीरा मण्डी का आवंटन कर दिया है और उसके लिए काफी मुलभूत सुविधा भी बना दी है लेकिन आवंटियों ने इस जगह पर खरीद -फरोख्त शुरू नहीं की है।
बाड़मेर में जीरे के प्रोसेसिंग और पॅकेजिंग को लेकर असीम सम्भावना हैं यहाँ 30
से 40 प्रोसेसिंग ईकाईयाँ लगाई जा सकती है जिससे जिले की आय भी बढ़ेगी और रोजगार भी पैदा होगा। जीरे को तीन तरह से उपयोग में लाया जा सकता है
साबूत जीरा, पाउडर और जीरे का तेल।
उद्यमियों की तरफ से यहाँ कुछ काम किये जा सकते हैं जिससे जीरे के व्यापार को बाड़मेर में स्थापित किया जाये
पहला है मण्डी को सुचारू रूप से शुरू किया जाय जिससे किसान अपना माल स्थानिय स्तर पर बेच सकें जिससे उन्हें दुसरे राज्यों की मंडियों तक जाने में जो खर्च लगता है उसकी बचत होगी ,राज्य सरकार को भी मंडी से टैक्स मिलेगा और सोरटिंग व क्लीनिंग की ईकाइयाँ मण्डी से जीरा खरीद सके।
दूसरा स्टोरेज की सुविधा में भी निवेश बढ़ाने की जरूरत है खरीदा हुआ जीरा रखने के लिए भी स्थान चाहिए अभी बाड़मेर जिले में कुछ बाहरी निजी कंपनियों के एक दो स्टोरेज है लेकिन स्थानीय व्यापारी यह सुविधा प्रदान करें तो वो अपनी ख़रीदी हुई फ़सल भी रख सकेंगे और किसानों को भी उचित मुल्य आने तक फसल रखने की सुविधा मिलेगी
तीसरा क्लीनिंग और सोरर्टिंग की ईकाइयां लगा 10 से 20 उद्यमी अपने अपने जीरे के ब्रांड तैयार करें और उन्हें देश विदेश बैचें, इससे रोजगार और अतिरिक्त लाभ दोनों प्राप्त होगा बाड़मेर में अभी इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं है हम रोज़गार के साथ साथ लाभ भी पैदा करेंगे ।
सबसे महत्वपूर्ण और चोथा प्रकल्प है जीरे के बीज की जांच के लिए प्रयोगशाला की स्थापना,
स्थानिय स्तर पर प्रयोगशाला होने से हम निर्यात और आर्गेनिक बीज के व्यापार में आसानी से पेठ बना सकते है
प्रयोगशाला
में जीरे की गुणवत्ता पता चलने से हम फसल का अच्छे से मोलभाव कर सकेंगे ।
हमारे थोड़े प्रयासों से और तकनीकी खरीदकर जीरे के उत्पाउन के अलावा होने वाले लाभों को हम बाहरी कंपनीयों और बाहरी व्यापारीयों के हाथों से जाने से रोक सकते हैं
और आत्मनिर्भर भारत के जैसे आत्मनिर्भर बाड़मेर की परिकल्पना को आगे बढ़ा सकेंगे।
Nehpal Rathore
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