Description
स्वयं के लिए जीना व स्वयं के परिवार के लिए सर्वस्व करना आम जीवन है, स्वयं व स्वयं के परिवार से परे व मानवता के लिए जीना समाज व मानवता के लिए जीना खास (विशेष) जीवन है । यह विशेष जीवन विरले लोग ही जीते हैं। इस विरल जीवन मे अकूत धौर्य , परिश्रम, अनुशासन, त्याग, अनंत, ऊर्जा, समर्पण जैसे सैकड़ो गुण छिपे होते है । एक तरह से यह साधना पथ है, जिस पर चलना मुश्किल ही नहीं है बल्कि अत्यंत दुष्कर है। यह हथेली पर सरसों उगाने अथवा यों कहें कि रेगिस्तान में कमल खिलाने के समान है । थार के इस रेगिस्तान में आठ दशक पहले खिले ऐसे ही कमल को समर्पित यह पुस्तक है । कमलसिंह महेचा व माड़साब के नाम से ख्यात यह व्यक्तित्व हजारों विद्यार्थियों के जीवन को आलोकित, पुष्पित व पल्लवित कर चुका है, वही लाखो विद्यार्थियों व कई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है ।
About Author
धर्म सिंह भाटी पेशे से पत्रकारिता करते है , महाबार , बाड़मेर के निवासी है ।
Product Information
Dimensions : 22 x 14 x 1 cm
Publisher : Bhandari offset