विरम-गाथा

(0 reviews)

Sold by:
Inhouse product

Price:
Rs200.00 /Pcs

Quantity:

Total Price:
Share:

Description 

वीरम गाथा, इतिहास है एक ऐसे युग पुरुष का, जिसने अत्यन्त ही साधारण स्तर से उठकर सफलता के वो सोपान पार किए जो आम जन के लिए किसी सपने से कम नहीं थे। ग्रामीण आचल से प्रारम्भ यह गाथा गरीबों की रहनुमाई, दबंग के सामने दबगई, खुद की स्वाभिमानता से होते हुए सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक जाजमों पर समाज की अगुवाई तक, अपने धीरोदान नायक की लगन, कर्मठता एवं विवेकमय बुद्धि से जा पहुंची। समाज का नेतृत्व, तत्कालीन परिस्थितियों से मुकाबला, राजनीतिक पटल पर अपनी उपस्थिति और उन चीजों का प्रदर्शन, जो उन जैसे तबके के लोगों के लिए वर्जित प्राय थे, करना वाकयी गरीबों के रहबर, दोनों के दयाल, दमितो के नायक, किसानों के सम्बल, हमारे नायक वीरमाराम चौधरी के जीवन की संघर्ष गाथा है। स्थानीय स्तर का संघर्ष हो या भूमि अवाप्ति आदोलन, हर जगह अपनी अमिट छाप बेबाक व्यक्तित्व, दबंग आवाज एव रौबदार मूछों के जरिए आम व खास तक, छोड़कर अमर नायक बन गए, वीरम गाथा के नायक चौधरी वीरमाराम "मिस्री" |

About Author

सोनाराम वेनीवाल


जन्म : 2 जुलाई 1967

पुत्र : श्रीमती गवरी देवी भादू एवं स्व. श्री वीरमाराम बेनीवाल

शिक्षा : बी. ई. सिविल



रुचियाँ :

  • सामाजिक समरसता
  • चैरिटी अध्ययन
  • खेलकूद
  • शहरी व ग्रामीण इलाकों में पेयजल प्रबन्धन


दर्शन :जीयो और जीने दो।

सम्प्रति : अधिशाषी अभियन्ता जलदाय विभाग, बाड़मेर


संस्थापक सदस्य


चौधरी वीरमाराम चैरिटेबल सोसायटी एवं शिक्षा संस्थान, बाड़मेर

There have been no reviews for this product yet.

Related products

Product Queries (0)

Login or Registerto submit your questions to seller

Other Questions

No none asked to seller yet