Description
विभिन्न जन जातियों ने अपने अनूठे सांस्कृतिक जनजीवन, साहित्य, संगीत आदि से विश्व के अलग-अलग इलाकों में जनजीवन को जीवंतता प्रदान की है और उसे सांस्कृतिक लिहाज से महत्वपूर्ण बनाया। इन जनजातियों में अनेक जनजातियों द्वारा सांस्कृतिक उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका होने के बाद भी उसका उल्लेख इतिहास में नहीं हो पाया है। सांस्कृतिक इतिहास और संस्कृति के उन्नयन में उनका योगदान आज भी इतिहास और संस्कृति के पृष्ठों पर आने के लिए शेष है। ऐसी ही एक जनजाति भील है। भीलों में भी रेगिस्तानी क्षेत्र के भीलों की राजनीतिक,सांस्कृतिक एवं आर्थिक उन्नयन में भागीदारी होने के बावजूद इतिहासकारों, संस्कृतिकर्मियों, नृशास्त्रियों, साहित्यकारों संगीत प्रेमियों की नजर से नदारद रहे ।
यह पुस्तक बाड़मेर आंचल के भीलों के गीतों का संकलन है जो उनके सांस्कृतिक, आर्थिक क्रियाकलापों के योगदान एवं परिवर्तन को दर्शाती है।
About Writer
डॉ. भुवनेश जैन
पिता : पद्मश्री मगराज जैन
माता : श्रीमती सुशीला जैन
शिक्षा : बी.कॉम, एम.ए. (इतिहास) एम.फिल, पी.एचडी, बी.जे.एस.सी.,डिप्लोमा इन यूथ डवलपमेंट
निवासी : बाड़मेर
प्रकाशन पुस्तके :
शोध कार्य
रेगिस्तान के भीलों का ऐतिहासिक अध्ययन (बाड़मेर के संदर्भ में)
लेखन कार्य
लोक संस्कृति, पर्यावरण विषयों पर अनेक आलेख राज्य एवं देश के प्रमुख समाचार पत्रों में
पुरुस्कार
देश के सर्वश्रेष्ठ जिला युवा समन्वयक का प्रथम पुरस्कार वर्ष 1991-92 में नेहरू युवा केन्द्र संगठन, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त
सम्प्रति :
उपनिदेशक नेहरू युवा केन्द्र संगठन, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार, जयपुर
वर्तमान पता :
250/95, प्रताप एन्क्लेव, हल्दीघाटी मार्ग, प्रताप नगर, सेक्टर 25, जयपुर- 302017
E-mail : bhuwanesh.india@gmail.com
bhuwanesh.jain@gov.in