Description
जैसलमेर राज्य भारत के अन्य छोटे-छोटे रियासती राज्यों की भांति रहा है समय की दृष्टि से यह भारत के पुराने राज्यों में माना जाता है। भारत की उतर पश्चिमी सीमाएं हमेशा असुरक्षित रही है और इस राज्य के लोगों ने बहादुरी के साथ दुश्मनों का मुकाबला करके भारत की शान को बनाए रखा। जैसलमेर की सामाजिक व्यवस्था, संगठन और अनुशासन का इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा जैसलमेर राज्य की समाज व्यवस्था में कई पेचीदगियां और जातीय अन्तरण के उदाहरण ज्यादा देखने को मिलते है। हिन्दू मुस्लिम संस्कृति का संगम स्थल भी कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
डॉ. मेधाराम गढ़वीर ने इस प्रस्तुत पुस्तक में जैसलमेर के समाज का श्रेष्ठ चित्रण किया है । समाज के हर वर्ग को छूकर इस के जीवन की विशिष्टताओं को पहचाना है और अपनी लेखनी में उतारा है। जैसलमेर की लोक संस्कृति और लोक जीवन का वृहद वर्णन किया गया है ब्रिटिश अधिकारियों का जैसलमेर राज्य में भ्रमण, यात्राओं और शैरगाहों का उल्लेख करके पुस्तक को काफी रोचक और ज्ञानवर्द्धक बनाया गया है। समाज में व्याप्त कुरीतियों को उल्लेखित किया है और वाल्टर कृत राजपूत हितकारिणी सभा के माध्यम से किस प्रकार सामाजिक बुराईयों को हटाया गया है इसका भी व्यवस्थित रूप से उल्लेख मिलता है।
About Writer
डॉ. मेघाराम गढ़वीर
जन्म : 15 फरवरी, 1960
जन्म स्थान : गाँव अवड़ियार सिन्ध, पाकिस्तान
शिक्षा : एम.ए., एम. फिल., पीएच. डी.
सम्प्रति :
डॉ. मेघाराम गढ़वीर जोधपुर (राज. )
एशोसिएट प्रोफेसर, इतिहास जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय