Product Description
जीवन के बिंबों से भरी संजीदा कहानियों और चुटकी भर शब्दों की तड़प भरी बेवजह की बातों से इतर यात्रा, संस्मरण और गप से बने लोकजीवन के रेखाचित्र। मौखी नंबर आठ, नरगासर, मुड़दा कोटड़ी, रेलवे मैदान, पनघट रोड, भड़भूँजे की भाड़, मोहन जी का सिनेमा, चाय की थड़ी, दल्लुजी कचौड़ी वालों की दुकान, फ़कीरों का कुआँ, स, लुहारों का वास जैसे बेहिसाब ठिकाने, जिनसे मिलकर अलसाए, ऊँघे बाड़मेर की जो सूरत बनती है, वही सब ये किताब है। कहानी नहीं है किंतु कहानी ही है। कि इस किताब में रेगिस्तान के छोटे से क़स्बे बाड़मेर से की गई दूर-नज़दीक की यात्राओँ, बिछड़े दोस्त की याद, बड़ी हस्तियों से की गई बेआवाज़ बातचीत, भांग और विज्ञान के अद्भुत मेल से बनी गप और वह सब, जो आधे जगे, आधे खोए रचे गए।.
About the Author
रेगिस्तान में जन्मे किशोर चौधरी हिंदी साहित्य में स्नातक तथा पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर हैं। कविता और कहानी कहने वाले किशोर चौधरी का लोकप्रिय कहानी-संग्रह ‘चौराहे पर सीढ़ियाँ’ प्रेम में टूटन, बिछोह और धोखों के कथानक को इस तरह सामने रखता है कि पाठक उन कहानियों को अपने निकट घटित होते हुए महसूस करता है। वहीं 'जादू भरी लड़की' कहानी-संग्रह प्रेम और जिजीविषा की गहरी कहानियाँ समेटे हुए है। किशोर की कहानियाँ आधुनिक कहानी-परंपरा को अनुभूतियों और बिंबों के माध्यम से नए स्तर पर ले जाती हैं। यह इनके संस्मरणों की किताब है।.
Product information | |||
Item Weight | 146 g | ||
Paperback | 144 pages | ||
ISBN-10 | 9387464725 | ||
ISBN-13 | 978-9387464728 | ||
Dimensions | 13.2 x 1 x 19.8 cm | ||
Publisher | Hind Yugm : First edition (11 January 2020) | ||