Product Description
‘चौराहे पर सीढ़ियाँ’ कहानी-संग्रह में सम्मिलित चौदह कहानियाँ एक नयी ख़ुशबू जैसी है। जो पाठक हिंदी कहानी में नवीन प्रयोग और अद्भुत भाषा पढ़ने की चाह रखते हैं, उन्हें यह कहानी-संग्रह अवश्य पढ़ना चाहिए। इस कहानी-संग्रह की शीर्षक कहानी एक रूपक कथा है। इसमें कुछ ऐसे बिंब चुने गए हैं जो निर्जीव हैं। ये बिंब समाज की हर परत में उपस्थित ऊँचे-नीचे और सामान्य स्त्री-पुरुषों का सटीक चित्रण करते हैं। संग्रह में पहली कहानी एक लड़की की डायरी से समाज के भिन्न चेहरों की असलियत को उघाड़ने वाली कहानी है। सभी कहानियों में स्त्री मुख्य पात्र है और उसके दुःख, उसकी अभिलाषाएँ इतनी सहज-सरल हैं कि वे पाठक को अपने आस-पास की मालूम होती हैं। किशोर की कहानियों के पात्र अविश्वसनीय नहीं हैं वरन वे ये कहानियाँ पाठक के सामने एक ऐसे व्यक्ति को ला खड़ा करती हैं जिसे पाठक भली-भाँति जानता है। इन कहानियों में गहरा प्रेम और उससे अधिक गहरी टूटन है। उदासी का गाढ़ा रंग है। भाषा एक सम्मोहन है। पाठक भाषा के प्रवाह में बहता जाता है। जिन पाठकों को प्रेम के आसव में गहरी छलाँग लगानी हो उनके लिए ही ये कहानियाँ हैं।
About the Author
रेगिस्तान में जन्मे किशोर चौधरी हिंदी साहित्य में स्नातक तथा पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर हैं। कविता और कहानी कहने वाले किशोर चौधरी का लोकप्रिय कहानी-संग्रह ‘चौराहे पर सीढ़ियाँ’ प्रेम में टूटन, बिछोह और धोखों के कथानक को इस तरह सामने रखता है कि पाठक उन कहानियों को अपने निकट घटित होते हुए महसूस करता है। वहीं 'जादू भरी लड़की' कहानी-संग्रह प्रेम और जिजीविषा की गहरी कहानियाँ समेटे हुए है। किशोर की कहानियाँ आधुनिक कहानी-परंपरा को अनुभूतियों और बिंबों के माध्यम से नए स्तर पर ले जाती हैं।
Item Weight | 260 g | ||
Paperback | 175 pages | ||
ISBN-10 | 9381394377 | ||
ISBN-13 | 978-9381394373 | ||
Dimensions | 20.3 x 25.4 x 4.7 cm | ||
Publisher | Hind Yugm; Fourth edition (1 January 2013) | ||
Language: | Hindi | ||