Description
यह गाथा है एक ऐस युग-पुरुष को, जिसने अनुभव को सभव कर दिखाया। मारवाड़ के छोटे से गाव भणियाणा से प्रारम्भ इस गाधा के नाथकने अत्यंत साधारण स्तर से उठकर सफलता के यो सोपान पार किये जो आम जन के लिये अपने सपने से कम नहीं थे यह इतिहास है बेकार व्यक्तित्व व दबग आवाज के धनी, गरीबों के रहबर, दीनों के दयाल, दलितों के नायक, शोषितों के सबल, किसानों के बलराम, पीड़ितों के तारणहार हमारे नायक चौधरी खरताराम जाखड़ का जिन्होंने नौ दशक का पूरा जीवन जरूरतमदों की सहायता के लिये समर्पित कर दिया। किसान जाग्रति के अग्रदूत, शिक्षा को । समर्पित, समाज सुधार के अग्रगामी, विधिवेता, राजनीति के शिल्पी, मानवीय मूल्यों के कुशल पारखी चौधरी खरताराम जाखड़ सामाजिक एवं राजनीति के पटल के ध्रुव तारे थे। गरीब को भूख से भाग्योदय तक और प्रतिभा को पालने से पाठशाला पहुचाने हमेशा उद्यत रहने वाले इस सदी के महानायक चौधरी साहब ने भणियाणा से दिल्ली तक किसानों की आवाज को उचित मचो तक उठाया । आजीवन जनप्रतिनिधि रहकर विकास को शिखर तक पहुंचाया, शिक्षा को खास से लेकर आम तक पहुचाया, ऐसे शिखर पुरुष की यह अमर गाथा।
About Author
श्री जोगाराम सारण एक समाज सेवी और पत्रकार हैं .आपने एम. ए . इतिहास में शिक्षा प्राप्त की और बी.एड की डिग्री प्राप्त की. व्यवसाय से आप अध्यापक हैं. आपका जन्म दिनांक 5 फरवरी 1980 को श्री गंगारामजी एवं श्रीमती सजियों जाट (मायला) के परिवार में बाड़मेर जिले के गाँव गरल में हुआ.
Product Information
Dimensions : 22 x 14 x 1.6 cm | |
ISBN : 9788193871911 | |
Language : Hindi |