भारत-पाक बॉर्डर से सटे बाड़मेर के चाडी गांव में 7 नवंबर 1985 में जन्में माधव राठौड़ फिलहाल जोधपुर में नौकरी करते हैं।
इनका कहानी संग्रह 'मार्क्स में मनु ढूंढ़ती' व कविता संग्रह 'इसी दुनिया में रहने लायक' पाठकों के बीच खासे चर्चित रह चुके हैं।
माधव ने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण की संपूर्ण कहानियों व उनको लिखे पत्रों का दो महत्त्वपूर्ण किताबों के रूप में संपादन भी किया है।
यह डायरी इस बात की ताईद करती है कि वे भले शहर में रहते हैं लेकिन इनका मन रेगिस्तान के अधबीच में अटका हुआ है। इसीलिए इस कथेतर में रेगिस्तान के लोक का सुंदर लैंडस्केप दिखाई देता है।
प्रकृति की प्रतिकूलता, अकालों का स्थाई पड़ाव व लू के थपेड़ों के बीच अपनी संवेदनाओं को बचाने का जतन करते हुए यहाँ के लोक की जीवटता को बयां करती है यह डायरी