राजस्थान गुजरात रा चारणों रे त्रागों अर त्याग री जूनी बातां

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गुजरात अर राजस्थान में कोई बगत में बरतीजियोडी अै बातां दोनूं प्रातां री भाव, विचार, आव-आदर नै पूरी सावचेती, लुळताई सूं परगटियोड़ी अै बातां साहित्य है। हरेक बात में वीं बगत रै परिवार, समाज री कोई अेक घटना सूं तानौ-बानौ बणीजियौ है। आं सगळी बातां में खेती-खड़णिया, करसा, घोड़ा रा बिणज-बौपार करणिया मिनख, गांव ठाकर, मोटा सासकां अर आम आदमी रै अहंकार, झोड़-झपाड़, पूजा-पाठ, साधना, सत री जोत, कूड़ माथै साच री जीत, परमारथ पक्कौ रतन, मिनखीचारौ मोटी बात, जिण घणी बातां मांनखौ री पुड़त उघाड़ती निंगै आवै। मिनख कता ई कळाप करै, सेवट जीत साच रीज व्है। वौहीज जुगां-न-जुग याद करीजै। आं बातां मै घणै निखार रै साथै राजपूत-चारण जातियां रा आपसरी रा मेळ-मुलाकात, आव-आदर, हेत-प्रीत, लिहाज, व्यवहार आपसरी रा सम्बन्धां मे ऊजळै मिनखपणै रौ च्यानणौ सांमै आवै। राजपूत-चारण सम्बन्धां री सौरम, ऊजळी, संस्कृति रा दरसाव साथै ई भगती री करामात, साधना री सक्ति, भगवान रौ भरोसौ, परतख निंगे आवै। देवी-देवतावां रौ आसरौ, लोक आस्था रा कूं-कूं पगलिया, पाठकां रा हिया में पूरी कंवळाई सूं मंडै। बातां-ख्यातां, इतिहास ग्रंथां में आपां रौ इत्यास संजोयोडौ हुवै अर बातां में कहाणी री मिठास साथ इतिहास घटनावां पूरी सावचेती सूं मिनख रै हियै में च्यांवनौ बपरावै।

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ISBN-10 9385593722
ISBN-13 978-9385593727
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